मस्जिद कमेटी ने 19 नवंबर 2024 को सिविल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में 13 मई को मस्जिद कमेटी की सिविल रिवीजन याचिका पर बहस पूरी हो गई थी, इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल जज बेंच ने फैसला सुरक्षित रखने का ऐलान कर दिया था.
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संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे विवाद पर सोमवार को फैसला आएगा
संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को अहम फैसला सुनाएगा. ये फैसला मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल की गई सिविल रिवीजन याचिका पर आएगा, मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में मामले की पोषणीयता (maintainability) को चुनौती दी है.
मस्जिद कमेटी ने 19 नवंबर 2024 को सिविल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में 13 मई को मस्जिद कमेटी की सिविल रिवीजन याचिका पर बहस पूरी हो गई थी, इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल जज बेंच ने फैसला सुरक्षित रखने का ऐलान कर दिया था. अब इस पर फैसला सोमवार दोपहर 2 बजे सुनाया जाएगा. हालांकि जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल जज बेंच के निर्णय से पहले ही दोनों पक्षों ने मन मुताबिक निर्णय न आने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के संकेत दे दिए हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से ये तय होगा कि हरिहर मंदिर का अस्तित्व तलाशने के लिए जामा मस्जिद के सर्वे का मामला संभल की जिला अदालत में सुनवाई योग्य है अथवा नहीं. यानी मुकदमा चलेगा या नहीं.
वहीं, 28 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI को 48 घंटे के अंदर सर्वे और रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. संभल जामा मस्जिद के सर्वेक्षण आदेश को लेकर एएसआई ने रिव्यू अर्जी दाखिल की थी. बता दें कि 8 जनवरी 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए सिविल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि संभल में पिछले साल 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हुआ था. जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस घटना के बाद संभल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस पूरी हिंसा की जांच एसआईटी कर रही है. यह मामला कई दिनों तक चर्चा का विषय रहा है.