पेपर लीक विवाद के बीच NTA में बड़ा बदलाव, सुबोध कुमार की जगह प्रदीप सिंह बने नए DG

10 months ago 25

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक (DG) सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह रिटायर्ड IAS प्रदीप सिंह खरोला NTA के महानिदेशक होंगे. प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के IAS रहे हैं. हाल के NEET पेपर लीक और UGC-NET की परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को लेकर NTA पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. अब सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है. पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था, साथ ही देशभर में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

NTA का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके, लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून (शुक्रवार) की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर... ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. सभी बड़े राज्यों के करोड़ों छात्र इससे पीड़ित हैं. NEET की परीक्षा में गड़बड़ी के बाद हो रहे इस विरोध ने तो बस इस आक्रोश को आवाज दी है.

कैसे अस्तित्व में आया NTA?
साल 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए एकल, स्वायत्त और स्वतंत्र एजेंसी का गठन करने की घोषणा की गई. प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से इसकी स्थापना की बात कही गई. और 1 मार्च 2018 को NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)अस्तित्व में आ गया. 

NTA की स्थापना के बाद से हर साल परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप 
NTA को साल 2018 में बनाया गया, लेकिन उसकी स्थापना के बाद से तकरीबन हर साल परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगे हैं. साल 2019 में JEE मेंन्स के दौरान छात्रों को सर्वर में खराबी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही कुछ जगहों पर छात्रों ने प्रश्न पत्र में देरी की भी शिकायत की थी. NEET अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम 2020 में एनटीए पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. एग्जाम को कई बार स्थगित करना पड़ा था. इस परीक्षा में कई अनियमितता की शिकायतें सामने आई थीं. 

साल 2021 में JEE मेन्स के एग्जाम में कुछ गलत प्रश्न को लेकर भी हंगामा देखने को मिला था. कई जगहों पर शिक्षा माफियाओं की तरफ से गलत तरीके से एग्जाम पास करवाने की कोशिशों का भी आरोप लगा था. 2021 में ही NEET परीक्षा में राजस्थान के भांकरोटा में सॉल्वर गैंग द्वारा गड़बड़ी करने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर भी देशभर में हंगामा देखने को मिला था, विभिन्न केंद्रीय, राज्य, प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में साल 2022 में गड़बड़ी की शिकायतें हुई थीं. सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्थान से आई थीं. 

इसके बाद एजेंसी को कुछ जगहों पर फिर से एग्जाम करवाना पड़ा था. इस साल नीट के एग्जाम में भी गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. इस साल NEET परीक्षा को लेकर देशभर में हंगामा जारी है. छात्र ग्रेस मार्क्स को लेकर नाराज हैं. वहीं, बिहार में पेपरलीक का खुलासा हो चुका है. जिससे NTA की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सवालों के घेरे में है. 

18 जून को हुई UGC-NET की परीक्षा भी रद्द की जा चुकी है. ये फैसला UGC को गृह मंत्रालय से पेपर आउट होने का इनपुट मिलने के बाद लिया गया. इस तरह NTA की स्थापना के 6 सालों में सिर्फ 2 बार, साल 2018 और 2023 में पेपरलीक और गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली, वरना NTA बनने के बाद तकरीबन हर साल परीक्षा सवालों में घिरी रही है.

Article From: www.aajtak.in
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