दिल्ली की NCERT किताब से हटाया गया मुगल और दिल्ली सल्तनत का चैप्टर, महाकुंभ को मिली जगह

3 days ago 16

दिल्ली की NCERT की नई पाठ्यपुस्तकों में कक्षा 7 की किताबों से मुगल और दिल्ली सल्तनत के चैप्टर्स हटा दिए गए हैं. इन बदलावों के तहत नए अध्यायों में भारतीय राजवंश, 'पवित्र भूगोल', महाकुंभ और सरकारी योजनाओं पर जोर दिया गया है. ये कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के अनुरूप हैं जो भारतीय परंपराओं, दर्शन, एजुकेशन सिस्टम और स्थानीय संदर्भ पर जोर देते हैं.

NCERT अधिकारियों के मुताबिक, ये पाठ्यपुस्तक का पहला हिस्सा है और दूसरा हिस्सा आने वाले महीनों में जारी किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यह पुष्टि नहीं की कि पहले हटाए गए हिस्से वापस जोड़े जाएंगे या नहीं.

यह भी पढ़ें: NCERT ने किताबों का ऐसा क्या नाम रख दिया कि होने लगा विरोध, समझिए पूरा मामला

मुगल और दिल्ली सल्तनत पर आधारित हिस्से किए गए थे कम

कोविड-19 महामारी के दौरान 2022-23 में NCERT ने पहले ही मुगल और दिल्ली सल्तनत पर आधारित हिस्सों को कम कर दिया था, लेकिन अब नई पाठ्यपुस्तक ने इन्हें पूरी तरह हटाने का फैसला किया गया है. 'Exploring Society: India and Beyond' नाम के सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में नए अध्याय शामिल हैं जो प्राचीन भारतीय राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन पर केंद्रित हैं.

महाकुंभ का जिक्र, लेकिन किताब में नहीं जोड़ी गई भगदड़ की बात

नई पाठ्यपुस्तक में 'पवित्र भूगोल' नाम के अध्याय भी शामिल हैं जिसमें भारत के पवित्र स्थानों और तीर्थयात्राओं के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा, और शक्ति पीठों का वर्णन किया गया है.

महाकुंभ मेला, जो इस साल प्रयागराज में आयोजित हुआ, उसे भी पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया है, जिसमें बताया गया है कि इस में लगभग 660 मिलियन यानी 66 करोड़ लोग शामिल हुए. हालांकि, इसमें भगदड़ की घटनाओं का कोई जिक्र नहीं है जिसमें 30 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी.

यह भी पढ़ें: UP: अब 3rd क्लास में भी पढ़ाई जाएंगी NCERT की बुक, इन नए बदलावों की तैयारी शुरू

सरकारी योजनाओं को भी किताब में शामिल किया गया

पाठ्यपुस्तक में सरकारी योजनाओं जैसे 'मेक इन इंडिया', 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', और 'अटल सुरंग' का भी जिक्र है. भारत के संविधान पर एक अध्याय में बताया गया है कि किस प्रकार 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार को नागरिकों के मौलिक अधिकार में सम्मिलित किया.

पाठ्यक्रम में किए गए इन बदलावों का विरक्ष विरोध भी कर रहा है, जहां किताबों के 'भगवाकरण' करने के आरोप लग रहे हैं. NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने पिछले वर्ष एक इंटरव्यू में कहा था कि दंगों के बारे में पढ़ाना बच्चों को नकारात्मक बना सकता है.

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request