भारत ने पिछले कुछ दशकों में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास में अभूतपूर्व प्रगति की है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसे संगठनों ने विश्व स्तरीय हथियार प्रणालियों का निर्माण किया है.
ये न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं. इनमें से कुछ प्रमुख हथियार हैं- आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल और स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन.
ये हथियार अपनी सटीकता, गति और विनाशकारी शक्ति के लिए जाने जाते हैं. हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव में इनकी भूमिका ने इन्हें और भी चर्चा में ला दिया है. आइए, इन हथियारों की विशेषताओं, महत्व और युद्धक्षेत्र में उनकी भूमिका पर विस्तार से नजर डालें.
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1. आकाश मिसाइल: हवाई खतरों का काल
आकाश मिसाइल प्रणाली भारत की स्वदेशी सतह-से-हवा (Surface-to-Air) मिसाइल प्रणाली है, जिसे DRDO ने विकसित किया है. यह मिसाइल प्रणाली भारतीय वायुसेना और थलसेना की रीढ़ बन चुकी है. हवाई रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
विशेषताएं
- रेंज और ऊंचाई: आकाश मिसाइल 25-45 किलोमीटर की दूरी तक और 18,000 मीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य को भेद सकती है. यह लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है.
- सटीकता: इसकी सटीकता 90% से अधिक है. यह एक बार में 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर 12 पर हमला कर सकती है.
- गतिशीलता: आकाश प्रणाली पूरी तरह मोबाइल है, जिसे T-72, BMP चेसिस या टाटा के हैवी मोबिलिटी ट्रकों पर तैनात किया जा सकता है. यह कठिन इलाकों में भी प्रभावी ढंग से काम करती है.
- रडार और मार्गदर्शन: इसमें राजेंद्र 3D पैसिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन ऐरे रडार और कमांड गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे अत्यधिक प्रभावी बनाता है.
हालिया प्रदर्शन
8-10 मई 2025 को पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को आकाश मिसाइल प्रणाली ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. श्रीनगर में एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट और पंजाब में फतेह-1 मिसाइल को आकाश-NG ने हवा में ही नष्ट किया. इसके अलावा, DJI सैन्य ड्रोन और PL-15 मिसाइलों को भी इसने बेअसर किया. यह प्रदर्शन भारत के 'आयरन डोम' के रूप में आकाश की ताकत को दर्शाता है.
पाकिस्तान के लिए खतरा
आकाश मिसाइल प्रणाली ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की रणनीति को विफल कर दिया है. इसकी तैनाती ने भारतीय शहरों और सैन्य ठिकानों को सुरक्षित किया है, जिससे पाकिस्तान की ड्रोन और मिसाइल रणनीति बेकार हो गई है.
2. ब्रह्मोस मिसाइल: दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है. इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है. यह मिसाइल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में तैनात है. अपनी गति, सटीकता और विनाशकारी शक्ति के लिए प्रसिद्ध है.
विशेषताएं
- गति: ब्रह्मोस मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) की गति से उड़ती है. इसके नवीनतम संस्करण हाइपरसोनिक गति की ओर बढ़ रहे हैं.
- रेंज: शुरुआती 290 किलोमीटर से अब इसकी मारक क्षमता 900-1500 किलोमीटर तक बढ़ गई है.
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: इसे जमीन, समुद्र, पनडुब्बी और हवा से लॉन्च किया जा सकता है. यह एंटी-शिप और लैंड-अटैक दोनों भूमिकाओं में सक्षम है.
- सटीकता: ब्रह्मोस रडार से बचने की क्षमता और सटीक निशाना लगाने के लिए जानी जाती है, जिससे यह दुश्मन की हवाई रक्षा प्रणालियों के लिए लगभग अजेय है.
हालिया प्रदर्शन
11 मई 2025 को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के सात प्रमुख वायुसेना ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल का पहली बार युद्ध में उपयोग हुआ. इस हमले ने पाकिस्तान के एयरफील्ड्स में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई. ब्रह्मोस ने लाहौर, इस्लामाबाद और कराची जैसे शहरों को मिनटों में निशाना बनाकर पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों को हिलाकर रख दिया.
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पाकिस्तान के लिए खतरा
ब्रह्मोस की हाइपरसोनिक गति और लंबी रेंज इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है. यह मिसाइल कुछ ही सेकंड में लाहौर (20-30 सेकंड), इस्लामाबाद (2-3 मिनट), और कराची (3-4 मिनट) को निशाना बना सकती है. इसके अलावा, इसकी रडार-बचाव क्षमता इसे पाकिस्तान की S-400 जैसी प्रणालियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण बनाती है.
3. स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन: कामिकाजी हथियार
स्काई स्ट्राइकर एक स्वायत्त लॉइटरिंग म्युनिशन (Kamikaze Drone) है, जिसे भारत और इजराइल के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया गया है. यह ड्रोन अपनी सटीकता और 'लॉन्च एंड फॉरगेट' तकनीक के लिए जाना जाता है.
विशेषताएं
- लॉइटरिंग क्षमता: स्काई स्ट्राइकर लक्ष्य क्षेत्र में लंबे समय तक मंडरा सकता है. लक्ष्य की पहचान कर सकता है. सटीक हमला कर सकता है.
- पेलोड: यह 5-10 किलोग्राम का विस्फोटक पेलोड ले जा सकता है, जो छोटे लेकिन महत्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट करने में प्रभावी है.
- स्वायत्तता: यह ड्रोन स्वायत्त रूप से लक्ष्य को ट्रैक और नष्ट कर सकता है, जिससे ऑपरेटर को बार-बार नियंत्रण की आवश्यकता नहीं पड़ती.
- रेंज और गति: इसकी रेंज और गति इसे शहरी और जटिल इलाकों में प्रभावी बनाती है.
हालिया प्रदर्शन
7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' में स्काई स्ट्राइकर ड्रोन ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों, जिसमें हाफिज सईद और मसूद अजहर के मदरसे शामिल थे, को सटीक हमलों से नष्ट किया. इस हमले ने पाकिस्तान की आतंकी रणनीति को गहरा झटका दिया. इसके सैन्य ठिकानों को कमजोर किया. सोशल मीडिया पर इसे 'पाकिस्तान की हलक में जान' फंसाने वाला हथियार कहा गया.
पाकिस्तान के लिए खतरा
स्काई स्ट्राइकर की स्वायत्तता और सटीकता इसे आतंकी ठिकानों और सैन्य सुविधाओं के लिए घातक बनाती है. यह ड्रोन रडार से बच सकता है और छोटे लक्ष्यों, जैसे कमांड सेंटर या आतंकी शिविर को आसानी से नष्ट कर सकता है.
इन हथियारों का सामरिक महत्व
स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता: आकाश, ब्रह्मोस और स्काई स्ट्राइकर जैसे हथियार भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का हिस्सा हैं. ये हथियार न केवल विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करते हैं, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग को भी मजबूत करते हैं.
पाकिस्तान पर रणनीतिक बढ़त: इन हथियारों ने पाकिस्तान की हवाई और जमीनी रणनीतियों को बेकार कर दिया है. आकाश ने हवाई हमलों को नाकाम किया, ब्रह्मोस ने आक्रामक हमलों की क्षमता बढ़ाई और स्काई स्ट्राइकर ने आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया.
निवेश और आर्थिक प्रभाव: आकाश मिसाइल की निर्माता कंपनियों, BEL और BDL के शेयरों में भारी उछाल देखा गया, जो भारतीय रक्षा स्टॉक्स की मजबूती को दर्शाता है.