केदारनाथ में एक बार फिर रविवार की सुबह लोगों की सांसें थम गई, जब पीछे पहाड़ के ऊपर से ग्लेशियर टूटकर गिरने लगा. ग्लेशियर टूटने से आए बर्फिले तूफान से कोई जान-माल की क्षति नहीं हुई, लेकिन जिस हद तक एवलांच नीचे आ गया था. उससे लोगों में हलचल मच गई थी. यहीं 16 जून 2013 को बादल फटने से भीषण बाढ़ आई थी और इससे भयंकर तबाही मची थी.
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केदारनाथ में एवेलांच
केदारनाथ मंदिर के पीछे की पहाड़ियों में रविवार सुबह एक बार फिर से एवलांच आया. हालांकि, इस बर्फिले तूफान से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है. बताया जाता है कि सुबह 5.06 बजे गांधी सरोवर के ऊपर पहाड़ से ग्लेशियर टूटकर गिरने लगे. इसे लोगों में हलचल मंच गई. क्योंकि यह काफी नीचे तक आ गया था.
केदारनाथ के सेक्टर अधिकारी के कहना है कि इस बर्फीली पहाड़ी पर समय समय पर एवलांच आते रहते हैं. केदारनाथ धाम के पीछे स्थित बर्फ की पहाड़ी पर रविवार सुबह पांच बजे के आसपास एवलांच आया है. पहाड़ी से बर्फ काफी नीचे आ गई. पहाड़ी पर बर्फ का धुआं उड़ने लगा. इसके बाद केदानगरी में हलचल मच गई. काफी देर तक यह एवलांच आता रहा.
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यहां आते रहते हैं बर्फिले तूफान
वैसे इस पहाड़ी पर एवलांच आना कोई नई बात नहीं है. यहां समय समय पर एवलांच आते रहते हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सेक्टर अधिकारी केदारनाथ ने बताया कि रविवार सुबह गांधी सरोवर के ऊपर स्थित पहाड़ी पर एवलांच आया था. हालांकि इस एविलांच से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है.यहां बर्फ अधिक गिरने पर इस प्रकार की घटनाएं होती हैं। इनसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है.
2013 में आया था भयानक बाढ़
2013 में केदारनाथ में बादल फटने के कारण भीषण बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ में वहां सब कुछ तबाह हो गया था. काफी दिनों बाद केदारनाथ धाम में जनजीवन सामान्य हो सका था. ऐसे में जब ऊपर पहाड़ी से बर्फिला तूफान नीचे आ रहा था तो एक बार फिर से लोगों की सांसें थम सी गई.