Illegal Betting: अवैध सट्टे का बाजार बन रहा बड़ा जोखिम... हर साल 8 लाख करोड़ का खेल! रिपोर्ट में खुलासा

10 months ago 25

भारत में अवैध सट्टे (Illegal Betting) का कारोबार बढ़ रहा है और विभिन्न माध्यमों से इसमें डिपॉजिट होने वाली रकम का आंकड़ा सालाना आधार पर 100 अरब डॉलर के होने का अनुमान है. सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरेन्टी की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. देश में अवैध जुआ और सट्टेबाजी से पैदा होने वाले बड़े जोखिम पर रोशनी डालते हुए इसमें कहा गया है कि ऑफशोर गेमिंग, सट्टेबाजी और जुए के ऐप्स का प्रसार राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) और डेटा संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करता है. 

डिपॉजिट में सालाना 30 फीसदी का इजाफा
पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरेन्टी ( CKS) ने एक श्वेत पत्र में इन आंकड़ों से पर्दा हटाया है. इसका विषय 'भारत में अवैध जुआ और सट्टेबाजी: जोखिम, चुनौतियां और प्रतिक्रियाएं' था. जो देश में ऑनलाइन गेमिंग, जुआ और सट्टेबाजी के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति से जुड़ी चिंताओं पर प्रकाश डालता है. इसे लेफ्टिनेंट जनरल विनोद जी खंडारे (Lt General Vinod G. Khandare) और विनीत गोयनका (Vinit Goenka) फाउंडर सेक्रेटरी सीकेएस द्वारा तैयार किया गया है.

पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग-क्रिप्टो खरीद में इस्तेमाल
इस श्वेत पत्र में दिए गए आंकड़ें इस बात पर प्रकाश डालते हैं, कि कैसे अवैध सट्टा और जुआ, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और डेटा संप्रभुता पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें खासतौर पर अवैध सट्टेबाजी कराने वाली साइटों और विदेशी संस्थाओं से इनके संबंध, जासूसी और डेटा उल्लंघनों के बारे में चिंताएं बढ़ाने वाला है. इसके अलावा इन ऑपरेटरों से जुड़े संदिग्ध लेन-देन का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए किया गया है, जिससे भारत की वित्तीय अखंडता प्रभावित हो रही है. यही नहीं रेग्युलेशन की कमी के चलते टैक्सेशन के माध्यम से जुटाए जाने वाले राजस्व में कमी का कारण बन रहा है. 

साइबर क्राइम में इजाफे का बन रहा कारण  
बात करें इसके और साइडइफेक्ट्स के बारे में तो अवैध सट्टेबाजी और जुआ से जुड़ी गतिविधियों में हो रहा इजाफा साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के खतरों और साइबर अपराधों में भी वृद्धि हुई है. इस तरह के तमाम प्लेटफॉर्मस अक्सर अपने ऑपरेशंस को छिपाने के लिए परिष्कृत तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिससे कि एजेंसियों के लिए साइबर अपराधों को प्रभावी ढंग से ट्रैक करना या फिर इन्हें रोकना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. CKS के फाउंडर सचिव विनीत गोयनका ने कहा कि अवैध जुए की अनियंत्रित वृद्धि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है और ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम इन गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाएं. 

जुए-सट्टेबाजी के विज्ञापनों पर लगे रोक
हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पैसे से जुड़े खेलों में शामिल होने की अंतर्निहित मानवीय प्रवृत्ति को पहचानना जरूरी है, इस जुए के खेल पर पूरी तरह से पाबंदी प्रभावी नहीं हो सकती. इसके लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है, जिसमें रेग्युलेशन और निगरानी शामिल है. अवैध सट्टेबाजी और जुए में नागरिकों के बीच लत का कारण बनने और वित्तीय बर्बादी को बढ़ावा देने की क्षमता है और इसके सामाजिक व आर्थिक प्रभावों पर गहराई से विचार करते हुए, श्वेत पत्र अवैध जुए के विज्ञापनों को रोकने के लिए सख्त नियमों की सिफारिश की गई है. 

Article From: www.aajtak.in
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