आईसीसी ने टी20 विश्व कप 2024 के लिए टीम ऑफ द टूर्नामेंट की घोषणा कर दी है. खिताब जीतने वाली भारतीय टीम के छह खिलाड़ियों को इस टीम में आईसीसी ने जगह दी है. वहीं, रनरअप रही साउथ अफ्रीकन टीम का कोई भी खिलाड़ी टॉप 11 में जगह नहीं बना सका है. आईसीसी की टीम ऑफ द टूर्नामेंट कुछ इस प्रकार है...
रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने इस विश्व कप में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दिलायी. भारतीय कप्तान ने 156.7 की स्ट्राइक रेट से स्कोर करते हुए, टूर्नामेंट में 257 रन बनाए, जो किसी भी खिलाड़ी द्वारा दूसरा सबसे अधिक रन है. आठ मैचों में तीन अर्द्धशतक के साथ, रोहित ने शानदार स्ट्राइक-रेट बनाए रखते हुए निरंतरता भी दिखाई. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सुपर आठ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया, जब उन्होंने केवल 41 गेंदों में 92 रन की धमाकेदार पारी खेली. इंग्लैंड के खिलाफउ सेमीफाइनल में उन्होंने एक बार फिर 39 गेंदों पर 57 रन बनाकर भारत को हावी होने का मौका दिया. रोहित ने एक लीडर के रूप में भी टीम का सराहनीय नेतृत्व किया और 17 साल बाद टी20 विश्व कप खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाई.
रहमानुल्लाह गुरबाज
रहमानुल्लाह गुरबाज ने इब्राहिम जदरान के साथ अफगानिस्तान के लिए एक प्रभावशाली ओपनिंग जोड़ी बनाई. इन दोनों ने बतौर ओपनिंग पार्टनर टूर्नामेंट में 446 रन बनाए, जिसमें तीन शतकीय साझेदारियां शामिल थीं. अफगानिस्तान को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचाने में गुरबाज की भूमिका महत्वपूर्ण रही. रहमानुल्लाह गुरबाज ने युगांडा (76), न्यूजीलैंड (80), ऑस्ट्रेलिया (60) और बांग्लादेश (43) के खिलाफ असाधारण पारियां खेलीं. वह 281 रनों के साथ टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे.
निकोलस पूरन
निकोलस पूरन ने टूर्नामेंट में 146.16 की स्ट्राइक रेट से 228 रन बनाकर टी20 फॉर्मेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक के रूप में खुद को स्थापित किया है. उनके बाद वेस्टइंडीज के अगले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में सिर्फ 140 रन बनाए. अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के बावजूद पूरन टूर्नामेंट के छठे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. उन्होंने 228 रन बनाए. अफगानिस्तान के खिलाफ उनकी 98 रनों की पारी ने टीम को शानदार जीत दिलाई. यह टूर्नामेंट में किसी खिलाड़ी का सर्वोच्च स्कोर भी था.
सूर्यकुमार यादव
टूर्नामेंट में दो अर्धशतक और इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में महत्वपूर्ण 47 रन बनाने के साथ, सूर्यकुमार यादव ने बल्लेबाजी के लिहाज से कुछ कठिन विकेटों पर मध्य क्रम से अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने दोनों नॉकआउट मुकाबलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, पहले इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम को मुश्किल हालातों से निकालते हुए 47 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली और फिर फाइनल में टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ कैच लपक कर भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई. आखिरी ओवर की पहली गेंद पर डेविड मिलर का वह कैच ही था, जिसकी वजह से साउथ अफ्रीका के हाथ से जीत फिसल गई. उन्होंने 135.37 की स्ट्राइक रेट से टूर्नामेंट में 199 रन बनाए.
मार्कस स्टोइनिस
मार्कस स्टोइनिस टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के एक्स-फैक्टर खिलाड़ी थे, जिन्होंने ओमान और स्कॉटलैंड के खिलाफ असाधारण पारियां खेलीं. ओमान के खिलाफ मैच में, उन्होंने गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया और 19 रन देकर 3 विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका और सुपर 8 राउंड से ही बाहर हो गया. इसके बावजूद स्टोइनिस ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने टूर्नामेंट में 164.07 की स्ट्राइक रेट से 169 रन बनाए और 8.88 की इकॉनमी से 10 विकेट चटकाए.
हार्दिक पंड्या
हार्दिक पंड्या ने निचले क्रम में बल्ले से प्रभावशाली प्रदर्शन किया और जब टीम को उनकी जरूरत थी तब गेंद से भी सफलता दिलाई. लेकिन उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान फाइनल में आया, जब उन्होंने आक्रामक हेनरिक क्लासेन को ऑफ-स्टंप के बाहर धीमी गेंद से धोखा देकर भारत की जीत की राह में रोड़ा बनने से रोका. हार्दिक ने फाइनल में शानदार अंतिम ओवर डालकर भारत को खिताबी जीत दिलाई. फाइनल तक के सफर में उन्होंने निचले क्रम में आकर लगातार चार मैचों में 20 से अधिक रन बनाए, जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ अर्धशतक भी शामिल था. हार्दिक ने टूर्नामेंट में 151.57 की स्ट्राइक-रेट से 144 रन बनाए और 7.64 की इकॉनमी से 11 विकेट चटकाए.
अक्षर पटेल
बल्ले से महत्वपूर्ण प्रदर्शन, टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ कैचों में से एक और गेंद से महत्वपूर्ण स्पैल, अक्षर पटेल ने पूरे टी20 विश्व कप में यह सब किया. विभिन्न भूमिकाओं में ढलने और प्रभावशाली प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता भारत की खिताब जीतने की दौड़ में महत्वपूर्ण साबित हुई. फाइनल में, उन्हें प्रमोट करके ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. अक्षर ने काउंटर अटैक करते हुए शानदार 47 रन बनाये जिससे विराट कोहली को टिकने और एंकर की भूमिका निभाने में मदद मिली. सेमीफाइनल में, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ गेंद से 23 रन देकर 3 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. अक्षर ने टूर्नामेंट में 139.39 की स्ट्राइक-रेट से 92 रन बनाए और 7.86 की इकॉनमी से 9 विकेट चटकाए.
राशिद खान
राशिद खान ने अफगानिस्तान टीम का शानदार नेतृत्व किया. उन्होंने गेंद से शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाकर इतिहास रच दिया. राशिद ने 6.17 की शानदार इकॉनमी रेट से गेंदबाजी करते हुए टूर्नामेंट में 14 विकेट लिए. अफगानिस्तान का यह लेग स्पिनर बांग्लादेश के खिलाफ अपने शानदार प्रदर्शन (4/23 और 19*) के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला पांचवां गेंदबाज रहा, जिससे टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने में मदद मिली. उन्होंने टूर्नामेंट की शुरुआत में न्यूजीलैंड पर अफगानिस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई और इस मैच में 17 रन देकर 4 विकेट लिए, जिससे टीम को ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिली.
जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे और खिताबी जीत में भारत के तुरुप के इक्के साबित हुए. बुमराह द्वारा लिए गए 15 विकेटों से अधिक, टीमों की स्कोरिंग रेट रोक कर रखने की उनकी क्षमता ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनको भारत का सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया. उनकी 4.17 की इकॉनमी रेट टी20 विश्व कप के किसी भी संस्करण में किसी भी गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ है.
अर्शदीप सिंह
अर्शदीप सिंह आठ मैचों में 17 विकेट के साथ टूर्नामेंट में फजलहक फारूकी के साथ संयुक्त रूप से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. बाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज गेंद के साथ जसप्रीत बुमराह के लिए एकदम सही जोड़ीदार साबित हुआ. इन दोनों ने अपने शुरुआती पावरप्ले स्पेल में जमकर जलवा बिखेरा. फाइनल में, अर्शदीप ने भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने मैच में एक महत्वपूर्ण समय पर क्विंटन डी कॉक का बड़ा विकेट लिया और फिर शानदार 19वां ओवर फेंका, जिसमें केवल चार रन दिए.
फजलहक फारूकी
टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले फारूकी ने अफगानिस्तान को अपने पहले विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाई. उनके 17 विकेट 6.31 की शानदार इकोनॉमी रेट से आए और बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कई मैचों में विपक्षी टीमों को शुरुआती झटके देकर अफगानिस्तान को मजबूत स्थिति में पहुंचाया. उन्होंने टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ स्पैल में युगांडा के खिलाफ 5/9 विकेट लिए और अफगानिस्तान को न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराने में भी मदद की.
12वां खिलाड़ी: एनरिक नॉर्खिया
एनरिक नॉर्खिया ने साउथ अफ्रीका के लिए गेंद के साथ टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को शांत रखने के लिए अपनी गति और अतिरिक्त उछाल का इस्तेमाल किया. नॉर्खिया ने टूर्नामेंट की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ शानदार 4/7 के साथ की और एक मैच को छोड़कर सभी में कम से कम एक विकेट लिया. फाइनल में, वह अपने चार ओवरों में 2/26 के आंकड़े के साथ दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक रहे.