इंसान ख्वाहिशों का पुलिंदा है. हम सबके अंदर ढेरों ख्वाहिशें भरी हैं. प्यार पाने की, खुशी पाने की, आराम पाने की, अपनी मन की नौकरी पाने की, पैसा पाने की, बहुत कम ही लोग अपनी ख्वाहिशों को जिंदगी में पूरा कर पाते हैं. लेकिन एक चीज जो हम सभी अक्सर सोचना भूल जाते हैं वो ये कि जो भी हमें चाहिए, वो क्यों चाहिए? हम सोचते हैं कि चाहिए तो बस चाहिए. जैसे भी हो. हम भूल जाते हैं कि भगवान कृष्ण ने खुद कहा था कि कर्म करो, फल की चिंता मत करो. हमें फल चाहिए, कर्म का हम कम ही सोचते हैं.
ऐसे ही बड़ी चाहते रखने वाला शख्स है 'भूल चूक माफ' का रंजन तिवारी (राजकुमार कुमार). उसे सरकारी नौकरी और एक खूबसूरत छोकरी दोनों चाहिए. यहां खूबसूरत छोकरी कोई और नहीं बल्कि उसकी गर्लफ्रेंड तितली मिश्रा (वामिका गब्बी) है. रंजन को तितली चाहिए और तितली के पिता जी को सरकारी नौकरी वाला दामाद.
लूप में फंसा रंजन
हफ्तों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार 'भूल चूक माफ' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म का ट्रेलर अगर आपने देखा हो तो आप जानते होंगे कि ये एक प्रेम कहानी है, जिसमें कॉमेडी का तड़का लगाया गया है. कहानी है बनारस के रंजन और तितली की, जो प्यार के लिए मरे जा रहे हैं. दोनों एक दूसरे से ब्याह रचाना चाहते हैं, लेकिन परिवार नहीं मान रहा है. रंजन के तो फिर भी मान जाए, लेकिन तितली के घर में, खासकर उनके पिता जी उर्फ मिश्रा जी (जाकिर हुसैन) और जीजा जी को रंजन बिल्कुल पसंद नहीं. उन्हें चाहिए सरकारी नौकरी वाला दामाद और रंजन की सरकारी नौकरी लग नहीं रही. इसलिए उनका ब्याह भी तितली से नहीं हो रहा. एक रात भागने की कोशिश में पकड़े जाने पर रंजन के सामने तितली के पप्पा शर्त रखते हैं कि दो महीने में सरकारी नौकरी पाओ और बिटिया को ब्याह के ले जाओ. और अगर नहीं कर पाओगे, तो अपनी प्रेमिका के ब्याह में कुर्सियां लगाने तो आना ही होगा.
बस फिर क्या था, दो दिन तो रंजन सोचने में निकाल देते हैं कि करें क्या? रंजन की हर मुसीबत का हल दूसरों को ही ढूंढना होता है. वो ऐसा लगता है जो तितली से प्यार तो बहुत करता है, लेकिन उसकी प्रेम कहानी को कायम भी तितली के एफर्ट्स ने ही रखा हुआ है. सोचते-सोचते रंजन को भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगने का आइडिया मिलता है. अब आइडिया तो आ गया लेकिन महादेव को मन्नत के बदले में क्या देने का वादा किया जाए, ये तो वो जानता ही नहीं. ऐसे में मंदिर के पास मिले पंडित जी (विनीत कुमार) को 101 रुपये की दक्षिणा देकर वो मन्नत को मांग लेता है, लेकिन फिर वही होता है जो अक्सर ही मन्नतें पूरी होने के बाद करते हैं. जुगाड़ लगाकर रंजन की शादी तो हो रही है, लेकिन उसकी जिंदगी की सुई 29 तारीख पर अटक गई है. 30 की शादी है और उस दिन तक भगवान भोलेनाथ ही उसे पहुंचने नहीं दे रहे. लेकिन क्यों? ऐसा क्या हो गया कि रंजन को रोज 29 तारीख का दिन जीना पड़ रहा है और कैसे वो अपनी भूल चूक की माफी मांगेगा, यही फिल्म में देखने वाली बात है.
परफॉरमेंस
ट्रेलर में देखकर जितना लग रहा है राजकुमार राव, रंजन के किरदार में उससे ज्यादा बेहतर हैं. चुलबुले, खिसियाए हुए, उत्साहित और परेशान, रंजन के हर इमोशन को राजकुमार ने पकड़ा है. ऐसा कम ही होता है जब राजकुमार राव अपनी परफॉरमेंस से दर्शकों को इंप्रेस न करें. 'श्रीकांत' से लेकर 'स्त्री' तक, उनकी रेंज लाजवाब है. एक बार फिर उन्हें कॉमेडी फिल्म में देखना बढ़िया रहा. पिक्चर में तितली बनीं वामिका गब्बी ने उनका भरपूर साथ दिया. तितली एकदम चुलबुली और पगलैट लड़की है, जिसके रोल को वामिका ने बखूबी निभाया है. उनकी बड़ी-बड़ी आंखें आपको अपने साथ बांधे रखती हैं. उनके मुंह से निकली बातों के साथ-साथ उनके इमोशन उनकी आंखों से भी पढ़े जा सकते हैं.
इस पिक्चर में ढेरों सपोर्टिंग एक्टर्स को लिया गया है. रघुबीर यादव से लेकर सीमा पाहवा, जाहिर हुसैन, इश्तियाक खान, जय ठक्कर, संजय मिश्रा, विनीत कुमार, अर्चना शुक्ला और धीरेंद्र गौतम जैसे बढ़िया एक्टर्स इस फिल्म का हिस्सा हैं. सभी ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है.
डायरेक्शन, एडिटिंग और म्यूजिक
डायरेक्टर करण शर्मा ने 'भूल चूक माफ' को काफी अच्छे से बनाया है. उन्होंने इस फिल्म को लिखा भी है और पिक्चर की कहानी काफी मजेदार है. फिल्म की ताकत इसके डायलॉग और किरदारों के बीच की जुगलबंदी है. वहीं इसकी सबसे बड़ी कमी इसके गाने हैं. देखकर लगता है कि हर दो सीन के बाद गाना आ रहा है, जिसकी जरूरत नहीं थी. इससे फिल्म का मजा खराब होता और लय टूटती है. पिक्चर की एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है. आपको बनारस की गलियों और लोगों के बीच का अपनापन देखने को मिलेगा, जो आपको बोर नहीं करता. 121 मिनट की 'भूल चूक माफ' फुल ऑन फैमिली एंटरटेनर है. इसमें हर फिल्म की तरह कमियां हैं, लेकिन अगर आप उन्हें इग्नोर करें तो इसे अच्छे से एन्जॉय कर पाएंगे.