अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दुनिया के तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू कर दिया है. इससे एशियाई से लेकर अमेरिकी बाजारों तक में हाहाकर मचा हुआ है. ट्रंप के टैरिफ (Trump Tariff) स्ट्रेटजी का विरोध भी बढ़ता जा रहा है.
इस बीच अब एक अमेरिका मार्केट एक्सपर्ट्स ने बड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सप्ताह के पहला कारोबारी दिन एक बार फिर 1987 की याद दिला सकता है और ब्लैक मंडे (Black Monday Of US Market) साबित हो सकता है.
Trump टैरिफ से दुनिया में हलचल
इस सप्ताह यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के अपने टैरिफ से दुनिया भर के देशों में हलचल मचा दी, चीन, ताइवान, पाकिस्तान से लेकर भारत तक पर रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया गया है. इसका सीधा असर दुनियाभर के शेयर बाजारों (Share Markets) में बड़ी गिरावट के रूप में देखने को मिला है और खुद अमेरिकी शेयर मार्केट भी इससे बच नहीं पाए और US Stock Market में तगड़ी गिरावट देखने को मिली है.
ये यहीं थमने वाली नहीं है, बल्कि Dow Jones से लेकर Nasdaq तक अभी और भी टूटेंगे, ये हम नहीं कह रहे, बल्कि अमेरिकी शेयर मार्केट एक्सपर्ट ऐसी चेतावनी दे रहे हैं. यूएस मार्केट एनालिस्ट जिम क्रेमर ने तो यहां तक कह दिया कि अमेरिकी बाजारों में 1987 जैसी तबाही देखने को मिल सकती है.
सोमवार को बड़ी गिरावट की चेतावनी
जिम क्रेमर (Jim Cramer) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिकी बाजारों में 1987 जैसी तबाही मच सकती है, जबकि Dow Jones ने आज तक की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट देखी थी. एक टीवी शो में शामिल हुए क्रेमर ने कहा कि पहले कारोबारी दिन सोमवार को 1987 के 'ब्लैक मंडे' के बाद सबसे खराब एक-दिवसीय गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. जब दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट आई थी, जिसका नेतृत्व अमेरिका के डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने किया था. उन्होंने दावा किया कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति उन देशों से संपर्क नहीं करते हैं, जिन्होंने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं तो स्थिति और खराब हो सकती है.
आखिर क्या है ये 'Black Monday'?
अब बताते हैं कि 1987 के जिस दिन की एक्सपर्ट जिम क्रेमर याद दिला रहे हैं, वो आखिर है क्या? तो बता दें कि 19 अक्टूबर 1987 को सोमवार को दिन था और इस दिन अमेरिकी शेयर मार्केट में भारी तबाही मची थी. Dow Jones इंडस्ट्रियल एवरेज 22.6 फीसदी टूटा था. यही नहीं S&P-500 इंडेक्स में 20.4% की गिरावट आई थी और दुनियाभर में इसका असर देखने को मिला था. अब जिम क्रेमर ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ 1987 के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट ला सकते हैं.
बीते शनिवार को एक टीवी शो मै मनी की मेजबानी करते हुए जिम क्रेमर ने ये चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ट्रंप टैरिफ का सबसे बुरा इफेक्ट जानने के लिए हमें बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि सोमवार तक यह पता चल जाएगा. हालांकि शो के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका में मजबूत रोजगार डेटा ही अमेरिका को मंदी में जाने से रोक रहा है. इससे यह संभावना कुछ कम हो जाती है कि बाजार में गिरावट अनिवार्य रूप से मंदी की ओर ले जाएगी.
इंडिया टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अतीत पर गौर करें, तो क्रेमर ने ग्लोबल इकोनॉमी के महत्वपूर्ण मोड़ों पर 2000 में डॉट-कॉम बुलबुले से लेकर 2007 में Global Recession तक कई भविष्यवाणियां की हैं. हालांकि, क्रैमर की पिछली भविष्यवाणियां ज्यादातर गलत साबित हुई हैं.
अभी कैसा है अमेरिका बाजारों का हाल?
जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने सभी देशों से आयात पर टैरिफ की घोषणा की, तो इसके तुरंत बाद बीते गुरुवार और शुक्रवार को अमेरिकी बाजार क्रैश (US Market Crash) नजर आए. गुरुवार को डाउ जोन्स में 1,679 अंक, जबकि शुक्रवार को इसमें 2,231 अंक की गिरावट आई थी.
चीन द्वारा अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाए जाने पर प्रतिक्रिया के बाद S&P 500 में 6 फीसदी तक फिसल गया. बता दें कि मार्च 2020 में कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप के बाद से अमेरिकी बाजारों में ये सबसे बड़ी गिरावट थी. खास बात ये है कि ये गिरावट सिर्फ अमेरिकी बाजारों तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि भारत समेत पूरे यूरोप और एशिया के मार्केट्स भरभराकर टूटे थे.